2025-05-18विप्लव विकास
भारत की आंतरिक सुरक्षा पर जब भी विमर्श होता है, हमारी चेतना प्रायः पाकिस्तान-प्रायोजित आतंकवाद की ओर जाती है। पुलवामा, उरी और पहलगाम जैसे घटनाक्रम स्मृति में उभर आते हैं। किंतु अंधेरे में छिपा एक ऐसा रक्तपात है, जो आँकड़ों में आतंकवाद से कहीं आगे है, नक्सलवाद। विगत दो दशकों में नक्सली हिंसा ने लगभग 12,000 से अधिक आम नागरिकों और 3,000 से अधिक सुरक्षाबलों की जान ली है।
View more
2024-12-24विप्लव विकास
हमने जो देखा वो पहली बार देख रहे थे। चौराहे पर लड़के-लड़कियां एक-दूसरे को पकड़ कर चुम्मा ले रहे थे। गाल पर नहीं होंठों पर! "ये क्या हो रहा दादा?" पूछने पर बगल वाला भी भौंचक्का था। उसे भी नहीं पता! पूरी भीड़ इकट्ठी हो कर उन 40-50 लोगों की चुम्मा-चुम्मी देख रही थी। फिर मेरी नज़र यूनिवर्सिटी की बांउड्री पर अपने भाग्य पर इठलाती प्लेकार्ड पर गई। लिखा था - KISS OF LOVE CAMPAIGN
View more
Your experience on this site will be improved by allowing cookies
Cookie Policy