2025-02-02विप्लव विकास
आप अपने मोबाइल पर कुछ खोजते हैं, और कुछ ही क्षणों में आपके सोशल मीडिया फीड, न्यूज़ वेबसाइट और यूट्यूब अनुशंषाएं उसी विषय से भर जाती हैं। यह संयोग नहीं है, बल्कि एआई का अदृश्य जाल है जो आपकी रुचियों, विचारों और व्यवहार को नियंत्रित करने की कोशिश करता है। जब एआई हमारी सोच, प्राथमिकताओं और हमारी लोक चेतना को गढ़ने लगे, तब चिंतन आवश्यक है—हम अपनी बौद्धिक सम्प्रभुता कैसे सुरक्षित रख सकते है?
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